Naval Joshi Indirapuram, Ghaziabad, Uttar Pradesh

नमस्कार, मेरे बेटे का नाम नवल जोशी है| हम इंद्रपुरम, गाजियाबाद में रहते है| मेरा बेटा पिछले एक साल से नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम से पीड़ित था पहले तो हमें समझ ही नहीं आया कि आखिर इसके साथ ऐसा क्या हो रहा है? कभी पेट में दर्द, तो कभी अचानक शरीर में सूजन आ जाती थी| फिर कुछ समय के बाद मेरी पड़ोसन ने मुझे आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट (Ayurvedic treatment for nephrotic syndrome in child) करवाने की सलाह दी|

हमने तो कभी से नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम के बारे में सुना भी नहीं था क्योंकि हमें लगता था आखिर बच्चों को बुखार, ख़ासी-जुकाम के आलवा और क्या हो सकता है| नवल बहुत ही एक्टिव है पढ़ाई के साथ साथ खेल कूद में भी काफी अच्छा है| इसे खेलने का इतना शौक था कि स्कूल से आने के बाद खाना खाकर सीधे खेलने चले जया करता था दोपहर के समय थोड़ा आराम भी नहीं करता था दिन भर बस खेलने में मस्त रहता था|

एक दिन नवल अपने स्कूल के ग्राउंड में खेल रहा था कि अचानक उसके पेट में दर्द हुआ और चक्कर खाकर नीचे गिर गया| जब स्कूल से घर आया तो उसके दोस्त ने बताया कि आज इसकी तबीयत खराब हो गयी थी| मुझे लगा कहीं ये अपना लंच खाना तो नहीं भूल गया मैंने उसका टिफ़िन चेक किया लेकिन टिफिन भी खाली था मुझे लगा खेलना कूदने वाले बच्चे हैं कमजोरी के कारण आ गया होगा चक्कर| लेकिन रात के समय नवल ने कहा कि उसे पेशाब करने दर्द हो रहा है और कहने लगा कि पेशाब भी काफी झागदार और पीले रंग का आ रहा है|

फिर अगली सुबह हम डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने कहा शायद पेट में गर्मी के कारण ऐसा हो रहा होगा डॉक्टर साहब ने कुछ मल्टीविटामिन्स की दवाई दी और साथ ही अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी| 15 दिनों तक नवल ने दवाई खाई उनसे थोड़ा आराम तो मिला लेकिन दवाई छोड़ने के बाद नवल के पूरे शरीर में सूजन आने लगी| फिर हमने डॉक्टर को दिखाया और कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दी| टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि नवल को नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम की बीमारी जो ज़्यादातर बच्चों में होती है| अब हम तो यह सुनकर कर बिल्कुल घबरा ही गए थे क्योंकि हमें तो पहली बार इस बीमारी के बारे में सुना था और ज्यादा कुछ पता भी नहीं था|

शुरुआत में हमने नवल का एलोपैथी ट्रीटमेंट करवाया| डॉक्टर ने हमें समझाया कि घबराने की कोई बात नहीं है नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम बच्चों में होने वाली एक आम समस्या है| एक महिना दवाई खाने के बाद भी नवल की परेशानी कम नहीं हुई और किसी ने हमें बताया कि अगर ये समस्या ठीक नहीं हुए तो किडनी की खराबी भी बढ़ती जा सकती है|

एक दिन मेरी पड़ोसन ने हमें आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट (Ayurvedic Kidney Treatment) लेने की सलाह दी और उन्होने हमें कर्मा आयुर्वेदा से नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम (Ayurvedic treatment for nephrotic syndrome in child) का उपचार करवाने की सलाह दी| फिर हमने यूट्यूब पर कर्मा आयुर्वेदा (Youtube Karma Ayurveda) की विडियो को देखा और हमने देखा कि कर्मा आयुर्वेदा ने कैसे आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से लाखों किडनी खराबी से पीड़ित रोगियों का सफल उपचार किया|

हमने भी कर्मा आयुर्वेदा के डॉक्टर पुनीत से मिलने की एपोइंटमेंट बूक करावा ली| डॉ. पुनीत से मिलने के बाद उन्होने हमें पिछले रिपोर्ट दिखाने के लिए कहा और साथ ही फिर से टेस्ट करवाने की सलाह दी| रिपोर्ट आने पर डॉ. पुनीत ने हमें समझाया कि घबराने की कोई बात नहीं क्योंकि कर्मा आयुर्वेदा ने नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम (Ayurvedic treatment for nephrotic syndrome in child) से पीड़ित हजारों बच्चों का सफल उपचार किया है|

डॉ. पुनीत ने नवल को एक महीने तक दवा लेने और डाइट प्लान में बदलाव करने की सलाह दी| डॉ. साहब ने जैसा समझाया था मैंने वैसे ही नियमित रूप से नवल को आयुर्वेदिक दवा और आहार में बदलाव भी किए| लेकिन मात्र 15 दिन आयुर्वेदिक दवा खाने से ही नवल की तबीयत में सुधार दिखने लगा और 1 महीने के बाद नवल पूरी तरह स्वस्थ हो गया था| अब नवल पहले की तरह खेल-कूद करने लगा है और उसे किसी प्रकार कोई दिक्कत भी नहीं है| यह सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेने से हुआ है| जिसके लिए में डॉ. पुनीत और कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल को धन्यवाद करना चाहती हूँ|

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